फूलों पे तेज़ाब का पहरा है
यह ज़ख्म बड़ा ही गहरा है
तुम जिसे दिखाना चाहते हो
तुम जिसे सुनाना चाहते हो
उपनी आहों की दर्द-कथा
वो हुक्मरान ! वो हुक्मरान !
वो हुक्मरान तो पुश्तों से
अरे, अंधा है, वो बहरा है
फूलों पे तेज़ाब का पहरा है
यह ज़ख्म बड़ा ही गहरा है ~