बांट दिया इस धरती को क्या चांँद सितारों का होगा?
और नदियों के कुछ नाम रखे बहती धारों का क्या होगा?
शिव की गंगा भी पानी है, आब-ए-ज़मज़म भी पानी है,
मुल्ला भी पिए पंडित भी पिए पानी का मज़हब क्या होगा?
और इन फ़िरका परस्तों से पूछो क्या सूरज अलग बनाओगे?
एक हवा में सांस है सबकी, क्या हवा भी नई चलाओगे?
नस्लों का करे जो बंटवारा, रहबर वो कौम का ढोंगी है..
क्या ख़ुदा ने मंदिर तोड़ा था? या राम ने मस्ज़िद तोड़ी है?