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इश्क़ ! |
सुलगते कोयले पर पाँव सेंको तब कहीं पकता है सोंधा-सा इश्क़ ! मुट्ठियों में कांटे उगे हों तब कहीं खिलता है पीले डैफोडिल्स-सा इश्क़! सिर कट कर गिर जाए तब कहीं सिर पर उतरता है किसी औलिया की दुआ - सा इश्क़ ! तुम्हें क्या लगा था....... ...
एक लॉन्ग ड्राइव में बेग़म अख्तर को सुनना और महकते गेसुओं पर होंठ गड़ा देना ? बस ? _________________ख़त ( by Baabusha Kohli , painting- Max gasparini )
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16 Oct 2012
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