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Home > Communities > Punjabi Poetry > Forum > messages |
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मेरी बेबसी की किताब का , कोई वर्क तूने पढ़ा ही नहीं ,
तुझे क्या खबर कहां मर गईं , मेरी ख्वाहिशें तेरे शहर में ॥
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09 May 2016
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लपेट अपने बदन पर बबूल की राखें ,
तेरी शिकस्त का बदला गुलाब क्या देगा ,
सुना है , हज़रत-ऐ-इकबाल की वसीहत है ,
तुझे जो एक फकीर देगा , नवाब क्या देगा ॥
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19 May 2016
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