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बुरी औरत |
बुरी औरत _______ अगर तुम मेरे शहर आओगे तो बुरी औरतो की ...
फेहरिस्त में मेरा नाम भी शामिल पाओगे मेरे पास वो सब कुछ है जो एक बुरी औरत के पास होना जरूरी है मुँह में जलती आग है दिल धड़कता है थिरकती है मेरी , रग रग, हाथ में छलकता जाम है पैरो के नीचे सड़क है ऊपर खुला आसमान है मेरे पास सहने का हौसला है मेरे पास कहने का सामान है |
____________ निरुपमा दत्त ( पंजाबी से हिंदी में अनूदित )
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27 Oct 2012
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