Punjabi Poetry
 View Forum
 Create New Topic
  Home > Communities > Punjabi Poetry > Forum > messages
ਬਿੱਟੂ ਕਲਾਸਿਕ  .
ਬਿੱਟੂ ਕਲਾਸਿਕ
Posts: 2441
Gender: Male
Joined: 12/Nov/2011
Location: New Delhi
View All Topics by ਬਿੱਟੂ ਕਲਾਸਿਕ
View All Posts by ਬਿੱਟੂ ਕਲਾਸਿਕ
 
उम्मीदें नहीं, सबक
 
उम्मीदें नहीं, सबक ************ किताबों में पढ़े मुरझाए प्रेम उम्मीदें नहीं, सबक देते हैं हर सबक बड़ी उम्मीद से देखता है मुझे और तुम्हारे नंगे पांव भी मैं मुक्ति की डोर ढूंढ़ती हूं  जिससे उड़ाए जा सके अपने पदचिह्न तुम्हारे हिस्से के जूतों में छिपे हुए  काश खराब घडि़यों के साथ-साथ ठीक हो पाता वक्त भी और जूतों की जगह सिले जा सकते कच्चे और टूटे रास्ते  उड़ती पतंगे और परिंदे कहीं नहीं पहुंचते खालीपन और भटकन के सिवाए  आसमान सिर्फ ऊंचाई नहीं देता कट के गिरने का भय भी देता है  फिर भी गिरता हुआ कांच का गिलास प्रेम की तरह होता है न टूटने की उम्मीद से भरा…  ________@[100000928327071:2048:Vandana Khanna] _______

किताबों में पढ़े मुरझाए प्रेम
उम्मीदें नहीं, सबक देते हैं
हर सबक बड़ी उम्मीद से देखता है मुझे
... और तुम्हारे नंगे पांव भी
मैं मुक्ति की डोर ढूंढ़ती हूं
जिससे उड़ाए जा सके अपने पदचिह्न
तुम्हारे हिस्से के जूतों में छिपे हुए

 

काश खराब घडि़यों के साथ-साथ ठीक हो पाता वक्त भी
और जूतों की जगह सिले जा सकते कच्चे और टूटे रास्ते

 

उड़ती पतंगे और परिंदे कहीं नहीं पहुंचते
खालीपन और भटकन के सिवाए

 

आसमान सिर्फ ऊंचाई नहीं देता
कट के गिरने का भय भी देता है

 

फिर भी गिरता हुआ कांच का गिलास
प्रेम की तरह होता है
न टूटने की उम्मीद से भरा…

 

 

ਵੰਦਨਾ  ਖੰਨਾ 

14 Mar 2013

Reply