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Home > Communities > Punjabi Poetry > Forum > messages |
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hun v us da kheyal aunda hai..
le k peeda nu naal aunda hai..
pawan datt
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26 Jan 2011
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Ena naa sambhal ke vagg, zara dareya-dili rakh.
Koi Rukhda tere Kandhe te piyasa na mar jave....
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26 Jan 2011
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कोई इतना चाहे तुम्हे तो बताना, कोई इतना पलको पे बिठाए तो बताना, प्यार कर तो लेगा हर कोई, पर कोई मेरी तरह निभाए तो बताना...
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26 Jan 2011
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जब देखो मुझे तो अपनी निगाहें थाम के देखना... कहीं मेरी दर्द भरी निगाहों से तुम्हें मोहब्बत ना हो जाए...
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26 Jan 2011
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मुझ में ऐब सौ होंगे मगर एक ख़ूबी है... मैं किसी को रास्ते में छोड़ा ऩही करता...
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26 Jan 2011
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फूलों के क़ाबिल ऩही शायद मेरा दामन-ए-आतिश... ए साहिब-ए-गुलशन इसे काँटों से ही भर दे...
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26 Jan 2011
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रात के दामन में खुशियाँ हज़ारों है... हमारे लिए दिन ही बहुत लंबा निक़ला...
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26 Jan 2011
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तुम तू कहते थे के मुझे किसी से मोहब्बत ही ऩही हुई... तो फिर यह शख्स कौन है जो हर रोज़ किसी के लिए परेशान रहता है...
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26 Jan 2011
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महफ़िल में सू के लबों पे मेरी तारीफ के फसाने थे... लेकिन एक शख्स फिर भी मेरे क़तल का इरादा रखता था...
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26 Jan 2011
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